गाँव का इतिहास

यह गाँव करीब 300 साल पहले मुस्लिम क़ौम ने बसाया| लेकिन आज़ादी के बाद ये गाँवमूसलमान छोड़कर चले गये| मुस्लिम समय मे श्री माइ राम पुत्र श्री सही राम यहा आकर बसे| अधिकतर आबादी इस गाँव मेहारिजन कोम की हैं| गाँव में 5 मस्जिद हुआ करती थी| फिलहाल 3 मस्ज़िद है जो खंडहर स्थिति में हैं| गाँव से करीब ८०० गाज दूर कुलाना के कचे रास्ते पर मुस्लिम कोम की कब्रिस्तान आज भी मोजूद हैं|यह गाँव मुंशी मुनीर के परदादा ने बसाया,उन्ही के नाम पर इस गाँव कनाम कँहोरा पड़ा| इस गाँव मे प्राचीन काल में 365 कूए हुआ करते थे,फिलहाल उनमे से कोई भी कुआँ अभी चालू हालत में नही है|